घर में स्वास्तिक कहां बनाए? गलत दिशा से बढ़ सकती है परेशानी, जानें वास्तु अनुसार सही स्थान
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घर में स्वास्तिक कहां बनाए? गलत दिशा से बढ़ सकती है परेशानी, जानें वास्तु अनुसार सही स्थान
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स्वास्तिक को शुभ माना जाता है, लेकिन गलत जगह बनाने से नकारात्मक असर हो सकता है। जानें घर में स्वास्तिक की सही दिशा और नियम।
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घर में स्वास्तिक बनाने की सही दिशा और नियम दर्शाती प्रतीकात्मक छवि
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भिलाई समेत आसपास के इलाकों में घरों में स्वास्तिक बनाने की परंपरा आज भी गहरी जड़ें रखती है। माना जाता है कि यह सिर्फ शुभता का चिन्ह नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। लेकिन वास्तु शास्त्र साफ कहता है—अगर इसे गलत दिशा में बनाया गया, तो इसके उलटे प्रभाव भी सामने आ सकते हैं।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार स्वास्तिक घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता बढ़ाता है। लेकिन गलत स्थान चुनने पर बेचैनी, आर्थिक रुकावट और पारिवारिक तनाव तक बढ़ सकता है।
सबसे पहले ध्यान रहे—बाथरूम और टॉयलेट के दरवाज़े पर कभी स्वास्तिक न बनाएं, क्योंकि यह जगह अशुद्ध मानी जाती है। यहाँ ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है और शुभ प्रभाव दब जाते हैं।
ठीक इसी तरह सीढ़ियों या सीढ़ियों की दीवार पर स्वास्तिक बनाना अशुभ माना जाता है। यह लगातार पैर पड़ने वाली ऊर्जा का क्षेत्र होता है, जिससे घर में अस्थिरता आती है।
कूड़ा रखने की जगह, जूते रखने के रैक या घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा की दीवार—ये सभी स्थान भारी ऊर्जा वाले होते हैं। यहां स्वास्तिक बनाना शुभता को उलट सकता है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि स्वास्तिक हमेशा मुख्य द्वार, पूजाघर, पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में ही बनाना चाहिए। यही स्थान सौभाग्य, शांति और प्रगति का मार्ग खोलते हैं।
स्वास्तिक बनाने के नियम भी तय हैं—
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इसे हमेशा दक्षिणावर्त, यानी घड़ी की दिशा में बनाएं।
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लाल, पीले या हरे रंग का उपयोग करें।
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साफ-सुथरी जगह पर ही बनाएं।
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मुख्य द्वार पर बनाते समय ध्यान रखें कि जूते-चप्पल और धूल-मिट्टी इसके पास न हों।
स्थान के अनुसार लाभ
• मुख्य द्वार: दोनों ओर स्वास्तिक बनाना नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है।
• आंगन: आंगन के बीच में बने स्वास्तिक से घर में संतुलन आता है।
• तिजोरी: तिजोरी पर स्वास्तिक बनाने से धन की वृद्धि होती है।
• पूजा घर: मन एकाग्र होता है, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
• बच्चों का कमरा: पढ़ाई पर अच्छा असर पड़ता है।
सामग्री और माप
स्वास्तिक बनाने के लिए रोली, कुमकुम, चंदन या हल्दी शुभ मानी जाती है।
वास्तु दोष कम करने के लिए नौ उंगली का स्वास्तिक सबसे लाभकारी बताया गया है।
कैसे बनाएं स्वास्तिक?
ज्योतिष के अनुसार लाल या पीले रंग के अलावा कोई अन्य रंग न चुनें।
मुख्य द्वार पर 6.5 इंच का स्वास्तिक बनाकर उसके आसपास आम या अशोक पत्ते की माला लगाना शुभ माना जाता है।
स्वास्तिक के बीच की खाली जगहों में बिंदी बनाना और चारों कोनों को हल्का कर्व देना आवश्यक बताया गया है।
ज्योतिषज्ञ यह भी मानते हैं कि घर की ईशान दिशा (उत्तर-पूर्व) में हल्दी से स्वास्तिक बनाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
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